कश्मीर यात्रा संस्मरण वर्ष 2016 भाग पाँच
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पिछली पोस्ट में आपने चश्मे शाही बाग़ के बारे में पढ़ा, अब आगे आपको ले चलते है कश्मीर के अन्य बागों की सैर पर .......................
1. बोटनिकल बाग़
इस बाग़ का निर्माण भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल की याद में 1969 में किया गया था, इस बाग़ में एंट्री के लिए 20रूपये का टिकट लगता है.काफी लम्बा चौड़ा बाग़ है, हमने अंदर जाने से पहले कुछ पेट पूजा कर ली थी ताकि देर तक भूख परेशान ना करें !! बाग़ में विभिन्न प्रकार के फूल पौधे है, दूर दूर तक घुमो और कश्मीर की सुन्दरता का आनंद लीजिये :)
2. निशात मुग़ल बाग़
कश्मीर का दूसरा सबसे बड़ा बाग़ है निशात मुगल बाग़, इससे बड़ा शालीमार बाग़ है!यहाँ पर भी 20रूपये प्रति व्यक्ति टिकट का लगता है,ईद की वजह से कश्मीर में 4-5 दिन की छुट्टियाँ थी जिसकी वजह से लगभग हर बाग़ में बहुत ज्यादा भीड़ थी, लगभग दो घंटे तक इस बाग़ में घुमे हम सब.हम सबने पानी के फव्वारे के पास बैठकर ठण्ड का आनन्द लिया, सुहाना मौसम और दिलकश नज़ारे ! आपका मन कह उठेगा "वाह" !!
3. शालीमार बाग़
कश्मीर का सबसे पुराना और सबसे बड़ा बाग़ "शालीमार बाग़"!
हर बाग़ एक से बढ़कर एक है, यहाँ की प्राक्रतिक सुन्दरता मन मोह लेती है, एक सुंदर नज़ारे के लिए पहाड़,पेड़-पौधे ,झील बहता हुआ पानी, अठखेलियाँ करते हुए लोग ये सब इन बागों में देखने को मिलता है! अब दोपहर के लगभग दो बज चुके थे, सबको भूख सताने लगी थी, अब गाडी हमने वापस मोड़ ली और पहुँच गये ढाबे पे !!
ढाबे पे सबने भरपेट खाना खाया ....... अगले भाग में आपको ले चलेंगे प्रसिद्ध डल झील की सैर पर, तब तक के लिए सबको राम राम :) :) :)
कश्मीर का दूसरा सबसे बड़ा बाग़ है निशात मुगल बाग़, इससे बड़ा शालीमार बाग़ है!यहाँ पर भी 20रूपये प्रति व्यक्ति टिकट का लगता है,ईद की वजह से कश्मीर में 4-5 दिन की छुट्टियाँ थी जिसकी वजह से लगभग हर बाग़ में बहुत ज्यादा भीड़ थी, लगभग दो घंटे तक इस बाग़ में घुमे हम सब.हम सबने पानी के फव्वारे के पास बैठकर ठण्ड का आनन्द लिया, सुहाना मौसम और दिलकश नज़ारे ! आपका मन कह उठेगा "वाह" !!
मानसून बीतने के बाद फुल ज्यादा खिलने लगते है |
बाग़ में नहाने का आनन्द लेते हुए लोग |
कश्मीर का सबसे पुराना और सबसे बड़ा बाग़ "शालीमार बाग़"!
हर बाग़ एक से बढ़कर एक है, यहाँ की प्राक्रतिक सुन्दरता मन मोह लेती है, एक सुंदर नज़ारे के लिए पहाड़,पेड़-पौधे ,झील बहता हुआ पानी, अठखेलियाँ करते हुए लोग ये सब इन बागों में देखने को मिलता है! अब दोपहर के लगभग दो बज चुके थे, सबको भूख सताने लगी थी, अब गाडी हमने वापस मोड़ ली और पहुँच गये ढाबे पे !!
शालीमार बाग़ |
गूगल फोटो |
ढाबे पे सबने भरपेट खाना खाया ....... अगले भाग में आपको ले चलेंगे प्रसिद्ध डल झील की सैर पर, तब तक के लिए सबको राम राम :) :) :)
सुपर
ReplyDeleteशुक्रिया गुरुदेव
Deleteबहुत खूब ...दो बार हम भी इन नजारो का लुत्फ़ उठा चुके है।
ReplyDeleteबहुत खूब ...दो बार हम भी इन नजारो का लुत्फ़ उठा चुके है।
ReplyDeleteधन्यवाद केके भाई जी
Deleteअनिल भाई कैमरा बडा जबरदस्त है। कमाल के फोटो आये है।
ReplyDeleteथोडी राम कहानी, लेख में शब्दों की संख्या भी बढाओ भाई।
धन्यवाद संदीप जी, निकोन का डिजिटल कैमरा था मेरे पास।
Deleteइस बेहतरीन जानकारी को साझा करने के लिए धन्यवाद।
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