कश्मीर यात्रा संस्मरण वर्ष 2016 भाग एक

जून (जेठ) का महीना राजस्थान की उबाल मारती गर्मी दम तोड़ते कूलर पंखे बेहाल लोग।
इसी गर्मी में मैंने ठण्ड का आनंद लेना का विचार किया। मित्रो से चर्चा हुई चलो कही घूमने निकले लेकिन सभी के अपने अपने बहाने। कैसे जैसे करके हम पांच दोस्तों ने तय किया कि इस बार माता श्री वैष्णोदेवी के दर्शन करके कश्मीर या कुल्लू मनाली चलेंगे।
तय समय पे 4 जुलाई को जयपुर से सुबह 7:30 बजे की ट्रेन थी। मित्र जेपी, सुभाष सुबह 5:30 बजे घर से मेरे साथ निकले एवं अशोक और धर्मेंद्र जयपुर ही थे तो वो सीधे जयपुर रेलवे स्टेशन पर पहुँच गए। हम तय समय से लगभग 40-45 मिनट पहले ही पहुँच गौए वहां चाय पी व जब तक ट्रेन आयी तब तक फ्री वाई फाई का आनन्द लिया। 7:35 पे ट्रैन आ गयी । हमने अपनी अपनी सीटें संभाली और बैठ गए।
ट्रैन अहमदाबाद से कटरा तक के लिए चलती थी जो अगले दिन सुबह 8 बजे कटरा पहुंचा देती है।
5 मिनट में ट्रेन रवाना हो गयी। ट्रैन अपनी तय गति से आगे बढ़ती जा रही थी। बातों का सिलसिला चल पड़ा । सफर आनन्दमय कट रहा था। सुभाष भाई ने घर से परांठे बनवा के लाये थे ,जबकि धर्मेंद्र ने बना बनाया टिफिन रूम पे ही भूल के आ गया। लगभग 1 बजे हम सबने खाना खाया और कुछ देर आराम करने लगे।
बारिश का मौसम शुरू हो चूका था, कुछ जगहों पे बुवाई चल रही थी तों कुछ जगहों पे अगैती फसल लहलहा रही थी। बहुत शानदार नज़ारे देखने को मिल रहे थे।
शाम 4 बजे के करीब ट्रैन पंजाब की सीमा में प्रवेश कर चुकी थी। धान की रोपाई चल रही थी पंजाब में। शाम का वक्त और क्या खूबसूरत नज़ारे ट्रैन के बाहर।
लगभग 8:30 बजे हमने खाने का आर्डर दिया और स्टेशन पे से नमकीन लस्सी के 5 पैकेट खरीद लिए। अब जो छाछ लस्सी पीते है वो ही बता सकते हैं कि छाछ मिलने पे आत्मा को कितनी ठंडक पहुँचती है।
सब खाना खा के अपनी अपनी सीटों पे लेट गए, नींद किसी को भी नहीं आ रही थी।
ट्रैन बड़ी पकाऊ सी गति से प्रत्येक स्टेशन पे रुकते हुए चली जा रही थी।
रात 12 बजे के लगभग आँखे बोझिल सी होने लगी और कुछ ही समय में मैं नींद के आगोश में चला गया।सुबह 4:30 बजे आँख खुली, मैंने नित्य कर्म से निपट के आया तब तक सभी दोस्त जाग चुके थे। हम जम्मू पहुँचने वाले ही थे । जम्मू में ट्रेन कुछ देर के लिए रुकी तो सबने चाय पानी पिया।
जम्मू की ये मेरी पहली ट्रैन यात्रा थी, क्या जानदार नज़ारे है प्रकृति के। बस देखते जाओ और इन हसींन वादियों में खो जाओ। लगभग 8 बजे ट्रैन अपने गंतव्य स्थान कटरा पहुँच गयी।
आप सभी की टिप्पणियां अपेक्षित है। भूल सुधार के लिए मशवरा देते रहियेगा 👏👏👏

अगले भाग में जारी ......
Somehere in Punjab
Train Jaipur To Katra
Nahar in Punjab
Ahemdabad-Katra Express Train
Beautiful Sunset
AT Katra Railway Station

Comments

  1. मित्रों के साथ कटरा जाना आनन्दमय ही रहता है। रेल में यात्रा का लाभ यह है कि आप प्रकृति से जुड़े रहते हैं।

    अद्भुत

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    1. धन्यवाद भ्राता श्री 👏👏👏

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  2. बढ़िया प्रयास.....

    पैराग्राफ में लिखे और कुछ स्पेस दीजिये बीच में ... बाकि सही है ...धीरे धीरे आ जायेगा और रम जाओगे...

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    1. ठीक है रितेश सर !! धन्यवाद

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  3. बढ़े चलो,अगले भाग का इंतज़ार। अच्छी शुरुआत है।

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  4. बढ़े चलो,अगले भाग का इंतज़ार। अच्छी शुरुआत है।

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    1. धन्यवाद रोमेश जी!! आज शाम तक अगला भाग आ जायेगा

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  5. शानदार जानदार ट्रेन का सफर हमेशा यादगार ही होता है
    वो ट्रेन के नजारे, एक दुसरे को करते इसारे

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    1. धन्यवाद सुरेश जी भाईसाब

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  6. आजादी की शुभ वर्षगांठ पर सुंदर फोटो वाली प्रस्तुति पर बधाई।

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  7. आजादी की शुभ वर्षगांठ पर सुंदर फोटो वाली प्रस्तुति पर बधाई।

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  8. आजादी की शुभ वर्षगांठ पर सुंदर फोटो वाली प्रस्तुति पर बधाई।

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    1. साधुवाद सर्वेश जी

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    1. धन्यवाद जावेद भाई.

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  10. बढ़िया बांगर जी आगे ......

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    1. धन्यवाद श्रीपत जी आजकल में नया भाग पोस्ट करूँगा

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  11. Replies
    1. धन्यवाद सुखविंदर जी

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  12. 40 45 मिनट में पहुच गये इसे सही करे
    यात्रा पोस्ट शानदार

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Thank You So Much !!

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