कश्मीर यात्रा संस्मरण वर्ष 2016 भाग चार
नमस्कार दोस्तों इस यात्रा वर्तान्त को प्रारम्भ से पढने के लिए यहाँ क्लिक करें !! कश्मीर के बारे में कहा जाता है अगर दुनिया में कही स्वर्ग है तो यहीं है , एक महशूर शायर की कुछ पंक्तियाँ आप सभी के लिए हाजिर है गर फिरदौस बर रु ए ज़मीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त पिछले पोस्ट में आपने पढ़ा था की देर रात हम श्रीनगर पहुँच गए थे , अब उससे आगे आपको ले चलता हूँ कश्मीर की हसींन वादियों में , तो हो जाइये तैयार आप :) दिनाँक 7 जुलाई 2016 सुबह 6 बजे सब उठ गए होटल वाले से चाय मंगवाई बढ़िया दालचीनी वाली, मुझे तो पसंद आई लेकिन मेरे दो साथियो को मजा नहीं आया.खैर घंटे भर में सब नहा धोकर तैयार हो गए. आज श्रीनगर लोकल ही घूमना चाहते थे, सबने तय किया की सबसे पहले श्री शंकराचार्य मंदिर के दर्शन करेंगे !! सुबह 8 बजे गाडी निकल पड़ी मंदिर के लिए , मन्दिर वाले मार्ग पर कुछ दूर चलते ही सेना की चैक पोस्ट है जहाँ यात्रियों को गाड़ी से उतार कर 40-50 मीटर पैदल निकला पड़ता है। सेना के जवान गाड़ी की तलाशी लेने के बाद ही गाड़ी को आगे जान